अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के अस्थाई मंदिर को तोड़कर नये रूप में किया जाएगा। कार्यवाही शुरू हो गयी और विदेशी सागौन की लकड़ी से निर्मित इस अस्थाई मंदिर के ढांचे को हटाया जाना शुरू हो गया है। ढांचा हटाने के पहले यहां विराजित हनुमान जी के श्रीविग्रह को यज्ञमंडप में प्रतिष्ठित कर दिया गया है, उनका पूजन हो रहा है।
अस्थाई मंदिर की तर्ज पर नया मंदिर बनाया जाएगा
भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र कहते हैं कि रामलला के अस्थाई मंदिर को संरक्षित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि इस अस्थाई मंदिर को नये स्वरूप में टीक ऊड (सागौन) की लकड़ी से उसी तरह बनाया जाएगा जैसा कि पहले था। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की संस्था फारेस्टर रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून के सुझावों के अनुसार टरमाइट (दीमक) से बचाकर दीर्घजीवी बनाने के उपाय किए जाएंगे। इस अस्थाई मंदिर के ऊपर अनब्रेकेबल शीशे लगाकर कवर्ड किया जाएगा जिससे रामलला के दर्शनार्थी इस स्थान को भी देखकर समझ सकें कि रामलला पहले कहां विराजित थे और कहां विराजित हैं।