करेला फुट थेरेपी क्या है और ये कैसे डायबिटीज कंट्रोल करती है?
एक्सपर्ट ने बताया डायबिटीज मरीज प्लास्टिक का जूता ले लें और उसमें दो से तीन करेलों के बीज निकाल कर उसे कद्दू कस करके बारीक कर लें। इन बारीक करेले को दोनों जूतों में बिझा दीजिए और उन्हें पहन लीजिए। एक्सपर्ट अनुसार एक से डेढ़ घंटे तक आप इन जूतों को पहनकर सैर करें। जब एक से डेढ़ घंटे में आपका मुंह कड़वा हो जाए और मुंह से कड़वाहट आने लगे तो आप घर में वापस आ जाएं और पैरों को वॉश करके उन पर सरसों का तेल लगा लें।
करेला कैसे डायबिटीज में फायदेमंद है?
करेले में Polypeptide-P नामक यौगिक पाया जाता है जिसे प्राकृतिक इंसुलिन भी कहा जाता है। यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को ठीक उसी तरह कम करता है जैसे इंसुलिन करता है। करेले में मौजूद Charantin एक शक्तिशाली यौगिक है जो शरीर में ग्लूकोज़ के अवशोषण और उपयोग को बेहतर बनाता है। करेला शरीर की कोशिकाओं को ग्लूकोज़ को ऊर्जा के रूप में उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है। इससे शरीर में शुगर जमा नहीं होती। नियमित सेवन से शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी यानी इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया बढ़ती है। करेला लिवर को डिटॉक्स करता है और पैंक्रियाज को बेहतर ढंग से इंसुलिन स्राव करने में मदद करता है।